शंका
क्या चतुर्थ काल में भी मुनि महाराज नगरों में ही रहते थे?
समाधान
आचार्य कुन्दकुन्द स्वामी के कथनानुसार मुनि महाराज वनों में भी रहते थे और भवनों में भी रहते थे। वे लिखते हैं कि मुनि महाराज शून्य घरों में, जहाँ कोई भी नहीं रहता हो, पेड़ों के मूल में, उद्यान में, श्मशान में, पर्वतों की गुफाओं में, पर्वतों के शिखर में, भयानक वनों में रहते थे। मुनि महाराज हर काल में भवनों में अल्प समय के लिए रहते थे और सुविधानुसार वहाँ से विहार किया करते थे।
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