शंका
क्या मुनि महाराज को भी अंत समय में पीड़ा होती है?
समाधान
वेदना तो हर किसी को हो सकती है। पीड़ा होना और पीड़ित होना दोनों में अन्तर है। पीड़ा तो किसी को भी हो सकती है पर पीड़ित केवल अज्ञानी होता है। जैसे अभी आप यहाँ बैठे हैं, हमारी बात सुन रहे हो, हो सकता है यहाँ किसी के सिर में भी दर्द हो रहा हो और इस सभा में आने से पहले वह दर्द ज्यादा हो लेकिन अभी यहाँ बैठे हैं तो क्या दर्द पर ध्यान जा रहा है? दर्द हो रहा लेकिन दर्द महसूस क्यों नहीं कर रहे हैं? क्योंकि ध्यान और कहीं है। ऐसे ही जिन साधुओं का भेद विज्ञान मजबूत होता है उनके जीवन में चाहे कैसी भी पीड़ा, वेदना हो लेकिन वे पीड़ित या व्यथित नहीं होते।
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