निन्दा नहीं अनुमोदना करें।
Do not condemn others, respect others
किसी भी व्यक्ति के लिए दुसरो में कमियां ढूंढ़ना और फिर निंदा करना बहुत ही आसान कार्य है । वहीँ दूसरी तरफ किसी भी व्यक्ति में एक भी अच्छे देखकर उसे सराहना बहुत ही मुश्किल काम है।सुनिए मुनि श्री प्रमाण सागर द्वारा निन्दा नहीं अनुमोदना करें।
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