शंका
जो व्रती घर में रहता है और अपने पुण्य का उपार्जन करता है, पाप कर्म का क्षय करता है, तो क्या उसके घर में उस व्रती पुण्य के फल का प्रभाव औरों पर भी पड़ता है?
समाधान
यदि घर में कोई व्रती है और व्रती अपने व्रत का ठीक ढंग से पालन कर रहा है और घर के अन्य सदस्य उसके व्रत में सहायक बन रहे हैं तो उस घर में नित्य साता वेदनी का प्रभाव होता है और आपके यश-कीर्ति और प्रशस्त देवायु जैसी पुण्य प्रकृर्तियों के बन्ध का कारण बन रहा है। इसलिए जिस घर में व्रती हैं और उस घर के व्रती की नित्य सेवा होती है, तो नित्य पुण्य का बन्ध हो रहा है।
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