एक सदस्य द्वारा दान के पुण्य का लाभ क्या पूरे परिवार को मिलता है?

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शंका

हम ज्योतिष में कहते हैं कि यदि परिवार में कोई समस्या है, तो पूरे सदस्यों की जन्मपत्री देखी जाती है। यदि परिवार में कोई भी समस्या है, तो उसे हम दान करने को कहते हैं। परिवार का कोई एक सदस्य दान करे, और अन्य उसकी अनुमोदना करें, तो उसका फल क्या पूरे परिवार को मिलेगा?

समाधान

निश्चित रूप से मिलता है; अगर अच्छा कार्य करें और लोग उसकी अनुमोदना करे तो उसका फल सबको मिलता है। उर्मिला जी, मैं आपसे कह रहा हूँ, आज आपने ट्रस्टीशिप की स्वीकृति दी और जब आप से कहा गया कि शाम को घोषणा की जायेगी तो आपने अपनी ओर से असहमति व्यक्त की। लेकिन ऐसे कार्यों में असहमति कभी व्यक्त नहीं करनी चाहिए। क्योंकि आपकी ये जो घोषणा हुई और ये जो जनता ने अनुमोदना की; तो न केवल यहाँ सामने उपस्थित बल्कि सम्पूर्ण देश और विश्व के विभिन्न भागों के लोग जो इस कार्यक्रम को देख रहे हैं, उनके मन में जो हर्ष का भाव हुआ, वो लोग बिना कुछ किए भी पुण्य पा गये। आपने तो दिया है; उन्होंने नहीं दिया बल्कि कमा लिया। उसमें आपको भी कोई नुकसान नहीं है। जितने लोग आपके निमित्त से पुण्य कमायें उसका एक बड़ा हिस्सा आप को मिलता है। उसके एकाउन्ट (खाते) का एक हिस्सा आपके एकाउन्ट में आ गया। तो ये निमित्त-नैमित्तिक सम्बन्ध होता है। मान कभी मत करना लेकिन दानी का सम्मान ज़रूर करना चाहिए। ये दान की अनुमोदना है। 

दूसरी बात परिवार के एक सदस्य के द्वारा कोई दान किया जाता है और बाकी लोग उसकी अनुमोदना करते हैं तो निश्चित ही वे अनुमोदना का पुण्य पाते हैं। निमित्त और नैमित्तिक सम्बन्ध ऐसे भी हैं कि किसी एक व्यक्ति के पुण्य से परिवार के दूसरे व्यक्तियों की परेशानियाँ दूर हो जाती है। और कभी किसी एक के प्रबल पाप से पूरे परिवार को संकट का सामना करना पड़ता है। दान करने के बाद अपने मन को गुप्त रखो। ये  अवधारणा मत रखना कि गुप्त दान हो। आपके दान को देखकर सौ आदमी के मन में दान देने की भावना जाग गई तो ये कितना बड़ा दान होगा।

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