शंका
हमारे मन की नकारात्मक और सकारात्मक सोच होती है उसका हमारे जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता हैॽ
समाधान
सोच ही मनुष्य के जीवन को बनाता है। जैसी सोच होती है, वैसा काम होता है, जैसे गुब्बारा आकाश में उड़ता है, वह अपने रंग के कारण उड़ता है या उसके भीतर गैस भरी होती है उसके कारण उड़ता है? गैस के कारण उड़ता है, वैसे ही मनुष्य का विचार उसको ऊँचा उठाता है व विचार ही उसे नीचे गिराता है। सब कुछ ही हमारे विचारों के ऊपर है। हमारे यहाँ बहुत पुरानी कहावत है –
मनएव मनुष्याणां कारणं बन्धमोक्षयोः । बन्धाय विषयासक्तं मुक्त्यै निर्विषयं
विषयासक्त मन बन्धन का कारण होता है और विषयातीत मन मुक्ति का कारण होता है। मन ही मनुष्य के उत्थान और पतन का कारण होता हैं। इसलिए हमेशा अपने विचारों को अनुकूल बनाने का पुरुषार्थ करना चाहिए।
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