मायाचारी का प्रभाव
Effects of MAYACHARI(Cheating)
मायाचारी दूसरों को ही नहीं, स्वयं को भी ठगता है – मायाचारी अपने कपट व्यवहार को कितना ही छिपाए, देर-सबेर वह प्रकट होता ही है। इसीलिए कहा गया है – नहीं छिपाए से छिपे, माया ऐसी आग, रुई लपेटी आग को, ढांके नहीं वैराग। सुनिए मुनि श्री प्रमाण सागर द्वारा मायाचारी का प्रभाव।
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