शंका
मोर (मयूर) तो माँसाहारी जीव होता है उसकी चीजें प्रयोग करेंगे तो क्या पाप नहीं लगेगा?
समाधान
मोर भले ही माँसाहारी है लेकिन उसमें विशेष गुण होते हैं। सबसे पहला गुण तो यह है कि वह परिग्रह रहित होता है। जब उसके पंख बढ़ जाते हैं तो उसे उड़ने में दिक्कत होती है, तो वह अपने सुन्दर-सुन्दर पंखों को छोड़ देता है। पंख हम लोगों को प्राप्त हो जाते हैं। मोर एक ऐसा प्राणी है जो रति क्रिया नहीं करता है यानी वो सामान्य स्त्री-पुरुषों की तरह नहीं रहता है इसलिए बालब्रह्मचारी या ब्रह्मचर्य के आराधक मुनियों के पास मोर के पंखों को रखा जाता है। मोर के पंखों में बहुत कोमलता होती है, मृदुता होती है, वजन में वह हल्का होता है, वह धूल व पसीने को नहीं पकड़ता है, इसलिए मोर के पंखों को हम लोग धारण करते है। इसका कोई दूसरा विकल्प नहीं है।
Thankyou for clear explanation… very helpful… Jai shree ram.. Jai shree Krishna..radhae radhae..