लौकिक शिक्षा के साथ धार्मिक, आध्यात्मिक शिक्षा को महत्त्व दें!

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शंका

आज के अभिभावक लौकिक शिक्षा को अधिक महत्त्व देतें हैं, धार्मिक एवं आध्यात्मिक शिक्षा को कम महत्त्व देते हैं। कृपया मार्गदर्शन दें।

समाधान

इसका परिणाम भी सबको भोगना है और भोग भी रहे हैं। आध्यात्मिक शिक्षा लेने वाले बच्चे अपने माँ बाप को वृद्धाश्रम में नहीं भेजते, लौकिक शिक्षा लेने वाले ही मां-बाप को वृद्धाश्रम में भेजते हैं। यदि अपनी दुर्गति करानी है, तो बच्चों को केवल लौकिक शिक्षा दो, यदि अपने जीवन को अच्छा बनाना है तथा धर्म की प्रभावना बनाए रखना तो लौकिक शिक्षा के साथ-साथ उन्हें सम्पूर्ण शिक्षा दो, जिसमें बौद्धिक विकास के साथ साथ नैतिक, चारित्रिक एवं भावनात्मक विकास भी हो सके।

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