अनेकान्त एवं स्याद्वाद – क्या होता है?
150 150 admin

जैन तत्त्वविद्या | अनेकान्त एवं स्याद्वाद – क्या होता है?

गुणस्थान क्या है?
150 150 admin

जैन तत्त्वविद्या | गुणस्थान क्या है?

कर्म निर्जरा के ग्यारह स्थान (गुणस्थान के माध्यम से)
150 150 admin

जैन तत्त्वविद्या | कर्म निर्जरा के ग्यारह स्थान (गुणस्थान के माध्यम से)

प्रमत्त संयत, अपूर्वकरण, अनिवृत्तिकरण गुणस्थान
150 150 admin

जैन तत्त्वविद्या | प्रमत्त संयत, अपूर्वकरण, अनिवृत्तिकरण गुणस्थान

सूक्ष्म साम्पराय, उपशान्त मोह, क्षीणमोह, सयोग एवं अयोग केवली गुणस्थान
150 150 admin

जैन तत्त्वविद्या | सूक्ष्म साम्पराय, उपशान्त मोह, क्षीणमोह, सयोग एवं अयोग केवली गुणस्थान