भारी स्कूल बैग ज़्यादा संस्कार नहीं देते

150 150 admin
शंका

भारी स्कूल बैग ज़्यादा संस्कार नहीं देते

समाधान

यह आज की जो शिक्षा है वह लोगों के कैरियर बनाने के नाम पर दी जाती है। मेरी बात को ध्यान से सुनना। 

आज की शिक्षा कैरियर के नाम पर प्रारंभ की जाती है कि इससे व्यक्ति का कैरियर बनेगा। मुझे नहीं मालूम कैरियर बने या ना बने। मुझे तो लगता है बच्चे बचपन से ही सामान ढोने का कैरियर बन जाते है। उनके वजन से ज्यादा वजन तो उनके बैग का होता है। मनोवैज्ञानिक कहतें हैं कि इस तरह की पढाई से बच्चों के ऊपर बहुत बड़ा तनाव होता है। उनका बौद्धिक विकास हो जाता है, भावनात्मक विकास नहीं होता। और इसलिए आज समाज में रुग्ण पीढ़ी ज्यादा बढ़ रही है। 

आज के बच्चे बुद्धिवादी हो गए हैं, भावनायें सूखते जा रहीं हैं। इसका नतीजा यह है कि परिवार बिखर रहा है। आपसी असंतोष और खींचतान बहुत बढ़ गयी है। इसलिए इन सब चीजों से बचना चाहिए। यह मैकाले की शिक्षा पद्धति जो भारत को गुलाम बनाने के लिए ईजाद की गई थी, आज भी चल रही है। और लोग आँखें मूंदकर उसे आगे बढ़ा रहे हैं। यह भारत के लिए कलंक है। इस शिक्षा पद्धति को बदल देना चाहिए। और बस्ता फ्री, अच्छी शिक्षा और संस्कार देने की प्रवृत्ति को आगे बढ़ाना चाहिए। तभी इस देश का उद्धार होगा। इसमें जितनी जल्दी सुधार हो समाज का उतना ही भला है।

Share

Leave a Reply