शंका
समयसार का स्वाध्याय क्या सिर्फ मुनिराज ही कर सकते हैं? यदि कोई गृहस्थ समयसार का स्वाध्याय करना चाहे, तो उसे दोष तो नहीं लगेगा?
समाधान
इस सन्दर्भ में बस इतना ही कहना चाहता हूँ कि समयसार, समयसार है। मुनि से यदि समयसार सुनोगे तो सार पाओगे और गृहस्थ में समयसार पढ़ोगे तो समय के अनुरूप सार निकालोगे। समयसार, अध्यात्म का ग्रन्थ है। समयसार यदि पढ़ना और सुनना है, तो उसे मुनियों के मुख से ही सुनें अन्य किसी से नहीं।
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