शंका
चातुर्मास में आप सभी साधु गण एक ही स्थान पर रहकर अपनी आत्म साधना कर लेते हैं मगर हम श्रावक गृहस्थ में इतने उलझे रहते हैं कि हम अपनी आत्म साधना नहीं कर पाते हैं। महाराज जी हम इस चातुर्मास में आपके सानिध्य का लाभ कैसे लें इसका मार्ग बताइए?
समाधान
मैं तो यह कहता हूँ अगर श्रावक लोग भी साधुओं के साथ चातुर्मास करने का संकल्प ले लें तो बहुत फर्क पड़ेगा। पहले श्रावक भी चातुर्मास करते थे, वर्तमान में यह परम्परा दिगंबरों में छिन्न हो गई, श्वेतांबर परम्परा में आज भी यह परिपाटी है कि साधुओं का जहाँ चातुर्मास बैठता है वहाँ सैकड़ों की तादाद में श्रावक लोग भी चातुर्मास करते हैं और २ महीने तक एक जगह स्थिर रहकर संकल्प विकल्प को कम करते हैं और साधना करते हैं, आराधना करते हैं आप भी कर सकते हैं।
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