पाँच (५) पापो से हम कैसे बच सकते हैं?
पाँच पापों से तुम जैसे बच्चे कैसे बच सकते हैं? बच्चे जितने अंश में बच सकें उतना बचें; पूरी तरह से नहीं बच सकते तो जितना बच सकते हो उतना बचो। कैसे बच सकते हो तो देखो-
सबसे पहला पाप कौन सा है – हिंसा! हिंसा से बचने के लिए क्या करो? मद्य, माँस और मधु का सेवन नहीं करो। शराब पीते हो? कोई नशा की चीजें लेते हो? माँसाहार करते हो? मधु या शहद का सेवन करते हो? नहीं! कभी नहीं करना। ये तीनों को छोड़ दिया तो हिंसा से बच गए।
दूसरा पाप क्या है – झूठ! झूठ से बचो! पूरी तरह से नहीं बचो तो ऐसा तय कर लो कि जहाँ मेरा काम सच से चलेगा वहाँ झूठ नहीं बोलेंगे। दूसरे पाप से भी न बच गए- partly?
तीसरा पाप है चोरी। चोरी किसी की करती हो? कभी किसी के चोरी नहीं करेंगे। पापा के जेब से पैसे नहीं निकालेंगे। घर से बिना मांगे कुछ नहीं लेंगे। अपने क्लास में फ्रेंड की बुक्स को, कॉपी को, पेन को इधर उधर नहीं करेंगे। तो चोरी से भी बच गए।
और अभी जब तक पढ़ाई चल रही है तब तक ब्रह्मचर्य रखेंगे।
परिग्रह- बस यह कि मां-बाप हम को जितना पैसा देंगे, हम उतने में ही अपना काम चलाएँगे। हो गया पाँचों पाप से बचना। तुम जैसे स्टूडेंट के लिए पाँच पापों की यही लिमिट है।
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