शंका
प्रतिदिन पूजा में शब्द होते हैं कि “मैं अर्घ संजो कर लाया हूँ या भाव संजो कर लाया हूँ” उसकी जगह हम महिलाएँ अगर “भाव संजो कर लाई हूँ या समर्पण करती हूँ” बोलें तो गलत तो नहीं होगा?
समाधान
एक सोल्यूशन (उपाय) बताऊँ? बहुवचन का प्रयोग कर लो, स्त्री-पुरुष का झगड़ा ही खत्म हो जायेगा। लाया हूँ या लाई हूँ कि जगह लाए हैं बोल दो।
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