शंका
भोग भूमि के जीव जो वस्तुएँ मांगते है वे एक बार यूज करके दोबारा यूज करते है या अलग-अलग मांगते हैं?
समाधान
पहला सवाल तो ये कि कल्प वृक्ष की वस्तुएँ आती कहाँ से है – अपने आप बनती हैं या कहीं से आती है। इसके बारे में कोई स्पष्ट उल्लेख मैंने पढ़ा नही, यह जरूर है कि यह दसों प्रकार के जो कल्पवृक्ष है लोगों के पुण्य के अनुरूप फलते है, तो इसका आशय यह समझ में आता है कि लोगों के पुण्य के प्रताप से चमत्कारी ढंग से वह चीजें बन जाती होगी, यूज़ में आती होगी और अपने आप विलीन हो जाती होगी। दिव्य वस्तुयें जिसके पुण्य से आती है और जब तक उसका उपयोग करना होता है वह उपयोग में आती है और उसके जाते ही वह जहाँ से आती है, वहीं चले जाती है।
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