शंका
हम डॉक्टर्स को हर समय ऐसा लगता है कि हम जैन धर्म के अनुसार सोला का पालन नहीं कर रहे हैं। दूसरे कम्युनिटी आदि के पेशेंट देखते हैं तो हर बार हम कपड़े नहीं बदल सकते हैं, तो कई बार हमको मासिक धर्म आदि के रोगी भी देखने पड़ते हैं। ऐसी स्थिति में हम शुद्धता का पालन कैसे करें?
समाधान
एक डॉक्टर की उसके पेशे के कारण अपनी कुछ सीमाएँ होती हैं। रोगी को देखना पड़ता है, तो जब रोगी आये तो आप उस समय उस सोले को नहीं देख सकते हैं। इसका तरीका यही है कि आप अपने हॉस्पिटल में जायें, आप अपने रोगी को देखें और हॉस्पिटल का टाईम टेबल को फिक्स करें। उसी समय हॉस्पिटल में जायें पेशेंट देखें उसके बाद घर आयें कपड़े बदलें, अपनी शुद्धि करें, उसके बाद घर का काम करें, दोनों जगह ताल मेल हो जायेगा। अस्पताल में घर न ले जायें और घर में अस्पताल न लायें।
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