शंका
यदि कोई गृहस्थ अपने बच्चों की शादी कराने के बाद ब्रह्मचर्य व्रत अंगीकार कर ले परन्तु दूसरों को रिश्ते, सम्बन्ध बताए तो यह कहाँ तक उचित है?
समाधान
पहली बात, वह पर विवाह नहीं कर रहा है विवाह के लिए प्रेरित कर रहा है। ये बहुत बड़ा पाप है। पर जिनका अपना गृहस्थिक, कौटुम्बिक दायित्व है वह तो गृहस्थ को करना ही पड़ता है। विवाह का व्यवसाय उसे नहीं करना चाहिए, मैरिज ब्यूरो नहीं खोलना चाहिए। अपने सम्पर्को को आत्म केंद्रित करके चलना चाहिए लेकिन यदि घर कुटुम्ब में ऐसी कोई बात है तो उसका निषेध करना उचित नहीं है। दूसरी बात, कई बार भावनाएं भी देखी जाती है कि किसी व्यक्ति के गृहस्थ धर्म लिए धर्मात्मा योग बने और वह अपना जीवन सुखमय तरीके से चला सके। यह सूक्ष्म दोष है अनाचार नहीं।
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