दूध शाकाहारी कैसे?

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शंका

महाराज जी! दूध तो ANIMAL PRODUCT (पशु जनित उत्पाद) है, तो हम लोग उसे क्यों पीते हैं? हम लोग तो VEGETARIAN (शाकाहारी) है ना?

समाधान

यह बच्चा बहुत संवेदनशील बच्चा है। आज हम लोग दूध लेते हैं, दूध को शाकाहार माना गया है। लेकिन समाज में एक वर्ग जिसको VEGAN बोलते हैं, वह शाकाहार से भी उत्कृष्ट अवस्था में है। वे कोई भी ANIMAL PRODUCT नहीं लेते। परन्तु पहली बात तो मैं आपको यह स्पष्ट कर दूँ कि दूध  पूर्णतः शाकाहारी है। ANIMAL PRODUCT है, पर ANIMAL PRODUCT होने से वह NON-VEG (माँसाहार) नहीं है। जैसे एक बच्चा जब जन्म लेता है तो मां का दूध उसको मिलता है, उस बच्चे को जन्म देने से माँ के पेट में अपने आप दूध आ जाता है। एक प्रयोग के फलस्वरूप यह  सिद्ध हुआ कि एक माँ को यदि EXTRA NUTRITION (अतिरिक्त पोषण) दिया जाए तो माँ के दूध की मात्रा भी बढ़ सकती है। इसी प्रकार जब आप गाय को चारा खिलाते हैं तो गाय दूध देती है। गाय के विषय में है कि जितना दूध उसके थन में आता है, वह पूरा यदि उसका बछड़ा पी जाए तो बछड़ा बीमार हो जाए और यदि दूध ना निकाला जाए तो गाय बीमार हो जाए। इसलिए गाय से दूध निकालना जरूरी है।  यह इसी प्रकार है जैसे किसी FACTORY (कारख़ाने) में आप RAW MATERIAL (कच्चा माल) डालते हैं  और आपका PRODUCT (उत्पाद) सामने आता है। आप गाय को चारा खिलाते हैं और गाय दूध देती है, वह गोरस कहलाता है पर वह रक्त नहीं है, वह माँस नहीं है, वह अपने आप में शाकाहार है

हाँ ! दूध लेने वाले को २ बातों का ख्याल रखना चाहिए; पहला- उस गाय के बछड़े के लिए एक थन का दूध खाली होना चाहिए। ४ थन में से १ थन! एक चौथाई हिस्सा उस बछड़े का होता है। दूसरा- आजकल OXYTOCIN (ऑक्सीटॉसिन) की इंजेक्शन काफी धड़ल्ले से प्रयुक्त होने लगी है; वह ज़हर है, कैंसर का कारण है। ऐसे इंजेक्शन वाला दूध कभी मत लो।  असल में वह जो इंजेक्शन है वह DELIVERY के लिए (प्रसूति के कार्य) के लिए प्रयुक्त हुआ है। उसका आविष्कार इसलिए किया गया कि हमारे NERVOUS SYSTEM (स्नायु तंत्र कोशिकाओं) में फ़ैलाव हो और DELIVERY आसानी से हो जाये। लेकिन इसका प्रयोग दूध के लिए होने लगा है, जिससे गाय को बहुत तकलीफ़ होती है।  यह बीमारी का घर है; इसलिए इंजेक्शन वाला दूध नहीं लेना चाहिए। बाकी दूध लेने में कोई बुराई नहीं है।  इसलिए मैं आपसे कहता हूं कभी भी दूध लो तो गाय का दूध पियो और बछड़े वाली गाय का दूध लो! इंजेक्शन लगाने का सवाल ही नहीं होता, आपको शुद्ध दूध मिलेगा।

दूध तीर्थंकरों ने भी लिया है, दूध पूरी तरह शाकाहार है, शुद्ध है, निर्जन्तुक है। हाँ! यदि कोई नहीं लेता तो और भी अच्छा है। लेकिन ‘दूध लेना अच्छा नहीं है; ऐसा कहना ठीक नहीं है।

महावीर जयंती के दिन टाइम्स ऑफ इंडिया में एक बहुत अच्छा समाचार कवर-स्टोरी के रूप में छपा। वह सब के ध्यान देने योग्य है, समाज के लोगों के लिए एक बहुत अच्छी प्रेरणा है जिसका उल्लेख में आज करना चाहूंगा। बंगलुरु में किसी पारेख बंधुओं ने एक शादी की। ५ सितारा होटल में शादी हुई और देश की चर्चित शादियों में से एक शादी हुई। वहां पूर्णतया VEGAN FOOD था, सोया मिल्क की मिठाई, सोया मिल्क की दही और सोया मिल्क की कढ़ी तक बनाई, सारी चीजें सोया की बनायीं। उसमें यह दिखा कि यदि व्यक्ति चाहे तो सब कुछ कर सकता है। आजकल लोग अपने विवाह शादी में कंदमूल नहीं हटा सकते, आलू-प्याज नहीं हटा सकते! आजकल लोग अपने घर के शादी विवाह में रात्रि में भोजन देने की बाध्यता रखते हैं, यह आपकी कमज़ोरी है। आप चाहो तो सब हो सकता है; वह ५ सितारा होटल में की गयी शादी थी और पूरे देश में चर्चित शादी थी। ऐसी चर्चित शादी हुई जिसको टाइम्स ऑफ इंडिया ने अपनी कवर स्टोरी के रूप में दिया! तो आप जैसा चाहें वैसा करें। VEGAN अच्छा है लेकिन दूध भी जरूरी है।

अब आप कह सकते हैं कि “मुनि महाराज भी क्यों लेते हैं?” क्योंकि शाकाहारियों के लिए, जो एक वक़्त भोजन करते हैं, नियम-संयम से लेते हैं, उनके लिए पोषक तत्व के रूप में दूध जरूरी है; क्योंकि दूध COMPLETE FOOD ( संपूर्ण आहार) है, उससे हमें सब प्रकार के तत्व मिलते हैं। नहीं तो हमारा NUTRITION (पोषण) पूरा नहीं होगा, शरीर WEAK (क्षीण ) हो जाएगा, तो साधना कैसे करेंगे? इसलिए दूध पीने में कोई हानि नहीं है,यह शुद्ध आहार है, दूध पी सकते हैं। आदिनाथ भगवान को छोड़कर तीर्थंकरों ने भी पहला आहार दूध की खीर का ही लिया।

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