शंका
विपरीत समय में धैर्य कब तक रखें?
राजेंद्र जैन, भोपाल
समाधान
जब तक समय अनुकूल न बन जाएँ तब तक धैर्य रखें। बिना धैर्य के और कोई उपाय नहीं है। नीति कहती है-“विपदि धैर्यमथाभ्युदये क्षमा” विपत्ति में धैर्य और अभ्युदय (उन्नति) में क्षमा, यह एक महापुरुष का लक्षण होता है।
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