शंका
धर्मिक आयोजन में जो भोजन के पुण्यार्जक होते हैं उन्हें कितना पुण्य मिलता है और जो ग्रहण करते हैं वह कितना पुण्य देकर जाते हैं?
विक्टोरिया जैन
समाधान
धार्मिक आयोजन की सफ़लता में भोजन की निराकुलता ज़रूरी है। आपने विधान में भागीदारी की अब भोजन का प्रबन्ध हो गया तो अब आप निश्चिंत हो कर विधान करते हैं। अगर ऐसा न हो तो आप भोजन के बारे में ही सोचते रहेंगे तो उन्होनें (पुण्यार्जक) आपके धर्म ध्यान की निराकुलता की व्यवस्था की। वहाँ जितने लोग भी इन व्यवस्थाओं में सम्मलित रहते हैं उसका एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा (छठवाँ भाग) पुण्य के रूप में वह भी प्राप्त करते हैं।
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