मंदिर के बाहर से दर्शन में कितना पुण्य और क्या मंदिर के नीचे प्रवास उचित?

150 150 admin
शंका

मंदिर के बाहर से दर्शन में कितना पुण्य और क्या मंदिर के नीचे प्रवास उचित?

समाधान

यदि समय के अभाव में व्यक्ति बाहर से दर्शन करता है, तो जितना दर्शन करता है उतना पुण्य मिलता है, नहीं करने की अपेक्षा कर तो रहा है। पर ऐसे लोगों को सोचना चाहिए कि उनके पास कितने समय की व्यस्तता है कि उनके पास भगवान के दर्शन के लिए ही टाइम नहीं है! फिर भी कोशिश करें समय निकालें और जो दर्शन कर रहा है, जिस भाव से कर रहा है निश्चित पुण्य उपार्जन होगा।

 नीचे रहवास, ऊपर मन्दिर! ये अशुचिता और एक प्रकार की असाधना है। यदि ग्यारह अंगुल से बड़ी प्रतिमा है, तो ऐसा घर रहवास के योग्य नहीं है। उन्हें दूसरा विकल्प सोचना चाहिए।

Share

Leave a Reply