शंका
हम श्रावक लोगों को वास्तुशास्त्र पर कितना विश्वास करना चाहिए?
समाधान
वास्तु को मानो पर उतना ही जितना जान पाओ। वास्तु को हौआ मत मानो। वास्तु एक छोटा सा कारक है पर सब कुछ नहीं। द्रव्य, क्षेत्र, काल, भाव के प्रभाव से कर्म अपना फल देते हैं। इसमें सबसे ज्यादा असर हमारे भावों का होता है और बाद में द्रव्य, क्षेत्र, काल का होता है। मैं मानता हूँ कि ७५ प्रतिशत तो हमारे भाव से सम्बद्ध है, २५ प्रतिशत में द्रव्य, क्षेत्र, काल का। ८.३३ प्रतिशत है तो तुम्हारे जीवन के निर्माण में। अगर वास्तु का कोई रोल है, तो ८.३३ प्रतिशत से ज्यादा मत मानना चाहिए।
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