बच्चे पढ़ाई और धर्म में कैसे रखें सामंजस्य?
मैं सारे parents (माता-पिता) को यह कहना चाहता हूँ कि आप अपने बच्चों को स्कूलों में दाखिल करते हैं, उनका सालाना कैलेंडर बनता है और आप उस पर कुछ भी बात नहीं करते। देश भर के सारे जैन लोग जहाँ भी आप अपने बच्चों को दाखिल करते हैं, उनके प्रबंधन से यह बात कहें कि “कम से कम महावीर जयंती और दस लक्षण के दिनों में हमारे बच्चों की परीक्षा ना रखें, आप अपना schedule change (सारणी परिवर्तित) करें”!
अक्सर महावीर जयंती के दिन स्कूल खुले रहते हैं, बच्चे वहाँ जाते हैं महावीर जयंती में शामिल नहीं हो पाते और एक भी अभिभावक इसके लिए आवाज़ नहीं उठाता। वे बच्चे क्या व्रत-संयम पालेंगे जो मंदिर तक नहीं जा पाते। लगन से पढ़ने वाले लोग सब कर सकते हैं इसलिए धारणा बदलिए कि “बहुत बड़े स्कूल में मेरा बच्चा पढ़ेगा तभी वह कुछ कर पाएगा।
यह एक अभियान बनाना चाहिए, तभी आप अपने बच्चों के संस्कारों को सुरक्षित रख पाएंगे और बच्चों के संस्कार सुरक्षित होंगे तभी धर्म रक्षा होगी। मैं कहता हूँ धर्म रक्षा अभियान में इसे भी जोड़ लेना चाहिए।
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