शंका
स्वाध्याय सार्थक कैसे होता है? जिसका स्वाध्याय करें उसको अपने चरित्र में लाएं, क्या वही स्वाध्याय successful (सार्थक) होता है?
समाधान
स्वाध्याय के कई उद्देश्य हैं। ज्ञान भावना, आलस्य त्याग- यह भी स्वाध्याय है। ज्ञान की भावना रखना और अपने आलस्य का त्याग करना- यह भी स्वाध्याय है। यह व्यवहार स्वाध्याय है। निश्चय स्वाध्याय के अनुसार, सदा अपने परिणामों का अंतर विश्लेषण करके अपनी अशुभ प्रवृत्तियों को दूर करना और सत् प्रवृत्तियों को जगाना, स्वाध्याय है। आप जितनी देर स्वाध्याय करते हैं, उतनी देर अगर आपका मन शान्त रहता है तो यह भी कल्याणकारी है। हाँ, केवल ज्ञान बढ़ाकर ज्ञान का अभिमान करना स्वाध्याय नहीं। ज्ञान बढ़ाकर भले आप कुछ ना कर पाएँ, पर अपनी श्रद्धा को निर्मल बनाएँ, आपका स्वाध्याय सार्थक होगा।
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