फास्ट फ़ूड और किटी पार्टी के भँवर से बच्चों और बहु-बेटियों को कैसे बचायें?
देखिए ये एक बड़ी समस्या है। फास्ट फूड बहुत हानिकारक है। व्यक्ति को अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होना चाहिए। भोजन का जीवन से बड़ा गहरा सम्बन्ध है। कैसा भोजन करें? भोजन- हितकारी, सीमित, सुखकारी और शाकाहारी– होना चाहिए। जिस तरह का खानपान आज चल रहा है उससे ढेर सारी बीमारियाँ भी बढ़ने लगी है इसके दुष्परिणाम भी आ रहे हैं।
अमेरिका के लास एँजिल्स में तो फास्ट फूड के विरुद्ध अभियान चल गया है, ऐसा मैंने पढ़ा है। इसके दुष्परिणामों के प्रति लोगों को जगाना चाहिए कि आज तुम fast-food के पीछे जाओगे, कल तुम्हें दवाइयों पर निर्भर होना पड़ेगा, जैसा कि आजकल देखने में आ रहा है। स्वास्थ्यप्रद भोजन-जो भारत की परम्परा में रहा है, जो तुम्हारे लिए हितकारी हो, सुखकर हो, वैसा भोजन करो।
किटी पार्टी की जो समस्या है, २ दिन पहले मैंने बताया था, यह एक कुपरंपरा है। इस किटी पार्टी के कारण कई तरह के नुकसान हुए है। धार्मिक, सामाजिक पारिवारिक और आर्थिक, चारों दृष्टि से देखा जाए तो इसमें बड़ा नुकसान है।
धार्मिक दृष्टि से तो इसलिए कि किटी पार्टी के नाम पर जो कार्यक्रम होते हैं उसमें अनेक प्रकार के व्यसनों का अप्रत्यक्ष रूपसे प्रस्रय हो जाता है। आप लोग हाउजी आदिक जो करते हैं, यह पाप है, यह व्यसन है। ये कतई ठीक नहीं।
सामाजिक दृष्टि से भी जो शक्ति आप वहाँ लगा रहे हैं, जो समय आप वहाँ दे रहे हैं, अगर किसी रचनात्मक काम में दें तो बहुत अच्छा है और ये कुफैशन, कुपरंपरा ने इसका रूप ले लिया।
परिवारिक दृष्टि से आजकल महिलाएँ अपने परिवार, अपने बच्चों को टाइम नहीं दे पाती। किटी पार्टी के लिए उनके पास पर्याप्त समय रहता है।
आर्थिक नुकसान भी होता है। एक सज्जन ने कहा महाराज, एक महिला की कम से कम ५ किटीयाँ होती है। आदमी के अपने हैसियत के हिसाब से हर किटी का उतना ही उतना ही चार्ज रहता है। ये बर्बादी है, ऐसा नहीं करना चाहिए।
यदि मेल मिलाप के लिए इस तरह के कार्यक्रम को बढ़ाएँ तो कुछ धार्मिक प्रतियोगिता आदि के आधार बनाकर इस तरह के कार्यक्रम करें। सामाजिक कार्यक्रम बनाएँ, ललित कलाओं को बढ़ाएँ जिससे हमारी प्रतिभा का निखार हो पर यह भी तब, जब घर-परिवार की व्यवस्था सुचारु बन जाए तब। ऐसा न हो कि तुम्हारे लिए किटी जाना, किटी पार्टी अटेंड करना महत्वपूर्ण हो जाए और तुम्हारा बच्चा बेचारा स्कूल से पढ़ करके आए तो उसको कोई रोटी देने वाला न हो। तुम्हारे पति जो अपने व्यापारिक कार्यों से व्यस्त होकर घर आए तो अपने हाथ से रोटी निकाल करके खायें, ऐसी किटी पार्टी ठीक बात नहीं है। इस किटी पार्टी के चक्कर में कईयों की किट-किट होती रहती हैं। इससे बचना चाहिए।
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