धर्म के प्रति दृढ़ता कैसे आये?

150 150 admin
शंका

जब कभी धर्म की चर्चा होती है, धर्म की बात होती है, तो उस समय ऐसा मन में आता है कि यह अपने जीवन में स्थायी रूप से स्थापित हो जाए, हम भी इसी राह में चलते रहें। लेकिन जैसे ही चर्चा खत्म होती है और हम दूसरे माहौल में जाते हैं तो मन फिसल जाता है, तो इसके प्रति दृढ़ता कैसे लायें?

समाधान

यह आपका प्रश्न नहीं सब का प्रश्न है। जब तक धर्म के वातावरण में रहते हैं तो मन में एक अलग भाव होता है और जैसे ही बाहर की हवा लगती है उसका प्रभाव चढ़ जाता है, मामला बिगड़ जाता है।

यह स्वाभाविक है। इससे बचने का एक ही उपाय है, नियमित धर्म की भावना भायें और इस धर्म को अपनी प्राथमिकता में सर्वोच्च स्थान दें। अपने धर्म निष्ठा को गहरायें क्योंकि मोह माया और गोरखधंधे के संस्कार हमारे ऊपर बहुत गहराये हुए हैं। उन संस्कारों को जीतने के लिए धर्म की निष्ठा ही सहायक बन सकती है और एक दूसरा माध्यम! जिन निमित्तों से हमारी धार्मिक भावनाओं का उभार होता है उनका हम ज्यादा आश्रय लें। आप लोग दिनभर में यदि धार्मिक समागम ले भी लें तो एक घंटे का लेते हैं और बाकी के २३ घंटे आप दूसरे वातावरण में रहते हैं, कोशिश करें कि उस एक घंटे में हम अपने मन की बैटरी को पूरी तरह चार्ज कर लें ताकि बाकी के २३ घंटे उसका सही से फंक्शन हो सके।

Share

Leave a Reply