अच्छा आचरण कैसे करें?

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शंका

महाराज श्री हमें बहुत सौभाग्य प्राप्त हो रहा है कि हम युगल मुनिराज के आहार चर्या का अनुमोदन कर रहें हैं और कभी हमें देने का भी मौका मिल जाता है लेकिन सूअर जैसे जानवर भी स्वर्गवासी हो गए, मुझे उम्मीद नहीं है कि हम पार हो पाएँगे क्योंकि सूअर तो वो करता है जो उसकी नियति है, हम वो करते हैं जो हमारी मर्जी हैं। क्या हम भी उम्मीद रखें कि हम भी इससे पार हो जायेंगे?

समाधान

ये बात सही है कि सूअर ने आहार तो नहीं दिया पर मुनि-महाराज को अभय दान दिया, आश्रय दिया और उसके प्रताप से वो सुकर भी स्वर्गवासी हो गया। आप कह रहे हो की सूअर तर गया, मैं कह रहा हूँ सूअर को संस्कृत में सुकर बोलते हैं। अब मनुष्य जब सुकर बनेगा न, तो वो भी तर जाएगा। सुकर का मतलब क्या, अच्छा कार्य करना वाला। सुकर, सुष्थुकरः, अच्छा कार्य करो। आप अपनी मर्जी से सुकर बन जाओ, सब काम ठीक हो जाएगा।

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