आज के धर्माचार्य या प्रवचनकार ऐसा क्या कर सकते हैं कि विज्ञान की ओर भागती हुई युवा पीढ़ी को धर्म के वैज्ञानिक स्वरूप की ओर मोड़ सके?
एक दृष्टि से देखा जाएँ तो विज्ञान की ओर भागना कोई गलत बात नहीं है। विज्ञान धर्म के लिए हानिकारक नहीं है, लेकिन विज्ञान तब घातक हो जाता है, जब व्यक्ति भौतिक विज्ञान को ही सब कुछ मान लेता है। विज्ञान का प्रयोग जीवन के उत्थान की दिशा में किया जाना चाहिए। आज का युग टेक्नोलॉजी का युग है। जिस व्यक्ति का अपने भीतर, स्वयं के प्रति विवेक है, विचार है, वह कभी भी टेक्नोलॉजी का गलत उपयोग नहीं कर सकता। जो विचार और विवेक से शून्य है वह टेक्नोलॉजी का गलत उपयोग करते हैं। इसलिए अपने विचार और विवेक को ठीक बनाए रखने के लिए धर्म के आलम्बन की आवश्यकता है। सही ढंग से यदि धर्म का पालन करोगे तो इस टेक्नोलॉजी के माध्यम से अपने जीवन को उत्तम बनाने की तकनीक सीख जाओगे।
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