शंका
आज-कल एक अच्छा धार्मिक व संस्कारित बालक बड़ा होकर, उच्च शिक्षा पाकर, धार्मिक क्रियाओं को कर्मकाण्ड बताने लगता है और कहने लगता है कि ‘इनसे क्या होता है?’ वो अविश्वास करने लगता है। ऐसे युवाओं को कैसे धर्म से जोड़ा जाये।
समाधान
इसका एक ही उपाय है – प्रारम्भ से ही उनको धार्मिक क्रियाओं की महत्ता को समझाएं। हम लोग लोगों पर धर्म थोपते हैं। धर्म थोपने की चीज नहीं है। धर्म को बड़े मनोवैज्ञानिक तरीके से और वैज्ञानिक तरीके से लोगों को समझना चाहिए। जब हम तार्किक ढंग से लोगों को समझाते हैं, तो उनको समझ में आता है। आप किसी दिन अपने बेटे को हमारे पास लेकर आओ और उसे शंका समाधान में बैठाकर ये प्रश्न उठाओ तो वह समझ जाएगा।
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