शंका
आज का युग उपभोक्तावादी संस्कृति का है इसके कुछ अच्छे परिणाम हैं, परन्तु उससे भी अधिक दुष्परिणाम हैं। हमें और समाज को ऐसा क्या करना चाहिए, जिससे यह संस्कृति ज़्यादा अग्रसर न हो?
समाधान
उपभोक्तावादी सोच को बदलने के लिए व्यक्ति के भीतर आध्यात्मिक दृष्टिकोण को प्रकट करना होगा। जब तक व्यक्ति का दृष्टिकोण आध्यात्मिक नहीं बनेगा तब तक वह उपभोक्तावाद से अपने आप को नहीं बचा सकेगा। त्याग और संयम ही व्यक्ति को आत्म केंद्रित बनाता है। उपभोक्तावाद छूटेगा, उपयोगिता आएगी।
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