डिप्रेशन से निकलने का उपाय!

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शंका

आदमी को जब डिप्रेशन हो जाता है, तो उससे उभरा कैसे जाए?

समाधान

सबसे पहले डिप्रेशन के कारणों को समझना चाहिए। आज डिप्रेशन एक महामारी के रूप में बढ़ती जा रही है। 

डिप्रेशन के अनेक कारण हैं- किसी को सफलता न मिल पाने के कारण डिप्रेशन है, किसी के जीवन में अचानक विपत्ति आ जाती है, तो डिप्रेशन होता है। किसी के मनोनुकूल कुछ घटित नहीं हो पाता है, तो व्यक्ति डिप्रेशन में आ जाता है। किसी को कोई शारीरिक प्रतिकूलता आती है, तो वह डिप्रेशन में आ जाता है। कई लोगों के डिप्रेशन का कारण रिश्तों की अनुकूलता न होना भी कही गई है। लेकिन ये जितने भी कारण है सब बाहरी कारण हैं। इसका आन्तरिक कारण है आत्मविश्वास की कमी और नकारात्मक सोच। 

जिस मनुष्य का चित्त आत्मविश्वास से भरा रहता है और जिसकी सोच सकारात्मक बनी होती है उसके ऊपर डिप्रेशन कभी हावी नहीं हो सकता। डिप्रेशन से बचना है, तो अपने आत्मविश्वास को हमेशा जागृत रखो और अपनी सोच को सकारात्मक बनाने की चेष्टा करो। 

जिनको डिप्रेशन आ गया है, हमें चाहिए कि हम उन्हें बड़े मनोवैज्ञानिक ढंग से डील करें। प्राय: डिप्रेशन के शिकार लोगों के प्रति हमारा जो व्यवहार होता है वह सामान्य व्यवहार होता है जैसा हम सामान्य जनों के साथ व्यवहार करते हैं और उनसे हम वैसी अपेक्षा रखते हैं जो सम्भव नहीं है। ये बात हमेशा कभी नहीं भूलना चाहिए कि डिप्रेशन एक बीमारी है, डिप्रेशन से ग्रसित व्यक्ति के साथ हम कोई भी व्यवहार कर रहे हैं तो एक बीमार के साथ कर रहे हैं। उसके साथ बड़ी सहानुभूति प्रेरक बात करनी चाहिए। उसकी प्रवृत्तियों को और उसकी भावनाओं को समझ कर के काम करना चाहिए। उसके मनोबल को जगाने की कोशिश करनी चाहिए और उसे इस तरह का मोटिवेशन देना चाहिए जिससे उसका आत्मविश्वास जग जाए और वह अपने इस डिप्रेशन से मुक्ति पा जाए। 

वस्तुतः डिप्रेशन से ग्रसित व्यक्ति को मुक्ति देने के लिए हमें उसके अनुकूल वातावरण बनाने की आवश्यकता है और उसके लिए खुद को भी एक अच्छे प्रशिक्षण की जरूरत है।

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