परिवार में जब बहुत सारे लोग रहते हैं तो मनमुटाव भी होते हैं। हम गृहस्थों का यह सोचते हैं कि रोज रोज भाव खराब करने से अच्छा है कि अलग हो जाएं, आपका मार्गदर्शन चाहिये?
परिवार समझौता माँगता है, समझौतावादी दृष्टिकोण अपनाकर चलने वाला व्यक्ति सही अर्थों में सफल होता है। संयुक्त परिवार में समझौते करने पड़ते हैं, एकल परिवार में व्यक्ति अकेला रह जाता है। एकल परिवार में स्वतंत्रता है और संयुक्त परिवार में सुरक्षा, दोनों बातों को ध्यान में रखकर चलना चाहिए। जो मज़ा संयुक्त में है वह अकेले में नहीं है
अब धीरे-धीरे लोगों की अवधारणायें बदल रही है। पहले लोग संयुक्त से एकल हो रहे थे, अब एकल से वापस संयुक्त की तरफ लोगों का रुझान बढ़ रहा है। थोड़ी बहुत दिक्कतें हैं उनको सहन करना चाहिए और अपने हृदय में उदारता और सहिष्णुता का भाव जगाना चाहिए, तभी मन आपका डगमगायेगा नहीं और आप संयुक्त परिवार का रस ले सकेंगे।
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