यदि व्यक्ति अवसाद की स्थिति में हो और मानसिक रूप से विकृत हो, वह भावना योग को कैसे शुरू करे और वह उसका लाभ कैसे ले पायेगा?
यह बात सही है कि जब तक एक्सेप्टेशन (acceptation / स्वीकृति) न हो तब तक कोई भी चीज काम नहीं करती है। इस तरह के लोगों का भावना योग, आदि करने का मन ही नहीं होता। ऐसे लोगों को धीरे-धीरे मोटिवेट (motivate / उत्साहवर्धित) करके, उनका मन बनाना चाहिए और धीरे-धीरे यदि मन बन जाए और वे इच्छा पूर्वक कार्य करने लगें तो उनमें चमत्कारिक लाभ दिखते हैं।
ऐसे अनेक लोग हैं जो डीप डिप्रेशन (deep depression / गहन अवसाद) की स्थिति में रहे हैं, उन्होंने भावना योग किया और उसके शत-प्रतिशत अच्छे परिणाम आए हैं। पर यह सब तब होगा जब वे उसे मन से स्वीकारें। प्रायः ऐसी बीमारियों से ग्रसित लोगों के साथ एक विडम्बना होती है कि वे कुछ करना नहीं चाहते। उनके अन्दर एक्सेप्टेंस (acceptance / स्वीकारिता) नहीं होती और ये चीजें उल्टी हो जाती हैं। हम उनको जगा करके परिवर्तित करने का प्रयास करें।
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