घर को स्वर्ग कैसे बनाएँ?
आपने पूछा है घर को स्वर्ग कैसे बनाएँ? स्वर्ग किसको कहते हैं और नरक किसको कहते हैं? क्या है स्वर्ग और क्या है नरक? जब इसे समझ जाओगे तो समझ में आ जाएगा कि स्वर्ग कैसे बनता है?
एक राजा ने सन्त से पूछा ‘स्वर्ग क्या है?’ सन्त ने उस पर जवाब देने की जगह, उसको बुरी-बुरी गालियाँ दे दीं- ‘कुछ आता जाता नहीं है, मुझसे पूछने आया है, मैं क्या बताऊँगा?’ राजा तमतमा गया, कहा ‘महाराज ये क्या, आप साधु हो कि क्या हो?’ राजा को क्रोध आ गया और जब राजा क्रोध में आग बबूला हो गया, तो सन्त ने तुरन्त कहा ‘यही नरक है, यही नरक है।’ राजा को अपनी भूल का एहसास हुआ, तुरन्त चरणों में गिर पड़ा। कहा- ‘गुरुदेव आपको समझे बिना मैंने आपके साथ ऊलजलूल व्यवहार किया, मुझे क्षमा करें। मैंने आपको कटु वचन कह दिया, मुझे माफ करें। मेरे मन में घोर आत्मग्लानि हो रही है। आप मेरे आगे का रास्ता प्रशस्त करें।’ तो सन्त ने तुरन्त कहा- ‘यही स्वर्ग है।’ आप पूछते हो कि घर को स्वर्ग कैसे बनाएँ? एक पंक्ति में कहता हूँ- ‘जहाँ कटुता, क्रोध और कलह है, वहाँ समझ लो नरक है; जहाँ प्रेम, परस्परता और आत्मीयता है, समझ लो वही स्वर्ग है।
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