आजकल स्कूलों में बहुत पढ़ाई होती है, तो हम लोग धर्म नहीं कर पाते, तो हम धर्म कैसे करें?
आशिमा जैन, त्रिवेणी नगर
अपनी मम्मी से कहो कि स्कूल के कोर्स के अलावा एक्स्ट्रा कोर्सेस बंद करो, शनिवार-रविवार को जब समय मिले तो धर्म करो। तुम लोगों के लिए सबसे बड़ा धर्म, अधर्म नहीं करना ही है। जितने स्टूडेंट्स है वह अपने द्वारा अधर्म नहीं करें। कोई भी अपने नियम और परम्परा के विरुद्ध कार्य मत करो, यही तुम्हारा धर्म है और छुट्टी के दिन मन्दिर जरूर जाओ। घर से निकलते समय भगवान को याद करो, णमोकार मन्त्र पढ़कर के जाओ। सुबह आप नौ बार णमोकार मन्त्र पढ़ो और भगवान को याद करो, गुरु को याद करो और रात में सोने जाओ तब आप नौ बार णमोकार मन्त्र बोलो भगवान को याद करो, गुरु को याद करो। सुबह याद करो, हे भगवान! मुझे आज ऐसी शक्ति दे कि आज का दिन अच्छा बना सकूँ और रात में सोते समय यह प्रार्थना करो, हे भगवान! हे गुरुदेव, आपकी कृपा से मेरा दिन अच्छा बीत गया, अब मैं रात में सोने जा रहा हूँ, रात भी मेरी अच्छे से बीते। यदि इसमें मेरे जाने का नंबर आए तो कम से कम मेरी आँख खुलवादे, हम आपके दर्शन करते हुए जाना चाहते हैं, यही तुम्हारा धर्म है।
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