शंका
किसी ने हम पर उपकार किया और उसके बदले में हम कुछ करना चाहते हैं। लेकिन वो satisfied (सन्तुष्ट) नहीं है कि हम कुछ कर रहे हैं, तो उनकी सोच को कैसे बदलें?
समाधान
पहली बात ये है कि कोई उपकार करे और प्रतिउपकार का भाव रखे तो उसका उपकार का भाव ठीक नहीं है। उपकार करने के बाद उसे पानी की लकीर समझ कर भूल जाना चाहिए, जैसे पानी में लकीर खींचते ही मिट जाती है। जीवन में कभी किसी पर कितना भी बड़ा उपकार करो तो उसको भूल जाओ और यदि कभी तुम पर और कोई छोटा सा भी उपकार करे तो उसे जीवन पर्यंत याद करो।
जिस व्यक्ति ने आपके ऊपर उपकार किया और सामने वाले को काफी कुछ प्रतिउपकार या रिटर्न देने के बाद भी वह सन्तुष्ट नहीं है, तो इसका तात्पर्य ये है कि उस व्यक्ति का जो चेतन स्तर (सोच) है वो बहुत उथल (Shallow) है। ऐसे व्यक्ति के प्रति ‘मध्यस्थ’ हो जाने में ही फायदा है।
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