मैं अपने भविष्य कैसे उज्जवल बना सकती हूँ? धर्म के रास्ते से कभी न भटकूँ, ऐसा मुझे मार्गदर्शन दीजिये?
अपने भविष्य को उज्जवल बनाने की चिन्ता इस उम्र में होना बहुत अच्छे संकेत बताते हैं। प्राय: आज की नई पीढ़ी अपने भविष्य को लेकर के भ्रमित रहती है और यह जो पूछा है कि मैं धर्म के रास्ते से कभी न भटकूँ ऐसा मार्गदर्शन दें, यह मनोभाव बिरले युवक-युवतियों में जगता है। निश्चित ही तुम भाग्यशाली हो कि तुम्हारे मन में ऐसा भाव जगा है, मेरा आशीर्वाद है कि ऐसी भावना तुम्हारे अंदर, तुम्हारे जैसे अन्य युवक-युवतियों के अन्दर भी बनी रहे।
आप ने पूछा है कि अपने भविष्य को सफल कैसे बनायें? वर्तमान में फिसलो मत, भविष्य सफल होगा, वर्तमान में जो संभलकर के जीता है वो भविष्य में जरूर सफल होता है। सम्भलो!अपनी मर्यादाओं को सुरक्षित रखो। आज सुबह संयम के सन्दर्भ में जो बातें मैंने कहीं, उसमें एक बात मैंने कही थी। अपनी सीमा, अपनी बाउंड्री को कोई नहीं भूले बस। जो अपनी सीमा को ध्यान में रखता है- धर्म की मर्यादा को, कुल की मर्यादा को, जाति की मर्यादा को, समाज की मर्यादा को सुरक्षित रखने वाला मनुष्य- कभी भटकता नहीं है, तो मर्यादा को सुरक्षित रखोगे तो जीवन ऊँचाई को छुऐगा। उस सीमा का कभी उल्लंघन मत करना, कभी भी भटकोगे नहीं।
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