शंका
मोबाइल और धर्म के बीच हो रहे टकराव में सामंजस्य कैसे बिठाएँ?
समाधान
मोबाइल आज जीवन का अंग बन गया है। मेरी धारणा है कि हम प्रारंभ से कहें कि ‘मोबाइल का प्रयोग न करो’ तो शायद लोग इसको स्वीकार नहीं करेंगे। मोबाइल का इस्तेमाल करें, पर हम इतना सुनिश्चित करें कि मोबाइल में हमें अपनी क्या सीमाएँ रखनी चाहिए? प्रारंभ से लोगों को अच्छे – बुरे का ज्ञान कराएँ कि इसका क्या दुष्परिणाम होता है!
इसका क्या दुष्परिणाम पड़ेगा? अगर उनको प्रारंभ से, ठीक ढंग से, मनोवैज्ञानिक तरीके से समझाया जाए तो बच्चों पर भी बहुत असर पड़ता है और वह उसका कभी गलत उपयोग नहीं करते।
जहाँ तक मोबाइल में धार्मिक प्रतीकों को डिलीट करने का सवाल है, तो मेरा कहना है उन्हें सामने रख कर के कभी डिलीट मत करो। उसको डाटा बैंक में डाल कर के सीधे-सीधे डिलीट कर दो तो कोई दोष नहीं है।
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