शंका
भाग्य क्या है? इसका निर्धारण कौन करता है? यदि भाग्य का लिखा हुआ निश्चित है, तो कर्म करने से क्या लाभ?
समाधान
भाग्य हम खुद बनाते हैं और हमारा कर्म ही हमारे भाग्य का होता है इसलिए हम अपने कर्म के प्रति जागरूक रहें हमारा भाग्य भी निश्चित रूप से परिवर्तित होगा।
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