शंका
ध्यान करते समय मन में गुरु का ही ध्यान आता है, यह ध्यान कैसा है?
समाधान
किस प्रकार का ध्यान है यह तो पता नहीं लेकिन इतना पता है कि आपके मन में गुरु का ध्यान बैठ गया और जिसके हृदय में गुरु बन जाते हैं तो कहते हैं ‘ध्यान मूलम गुरु कृपा!’ गुरु की कृपा ही ध्यान का मूल है। जो एक बार गुरु की कृपा पा लेता है वह ध्यान की ऊँचाइयों को छू लेता है।
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