शंका
प्राण निकलने वाले अंग का महत्त्व!
समाधान
यह एक निमित शास्त्र के अंतर्गत कहा गया है कि मुख्य रूप से मुख से प्राण, आँख से प्राण, नाक से प्राण, मस्तक से प्राण, निकलते हैं। यह एक लक्षण शास्त्रों के अनुसार है, केवल एक अनुमान है। सामान्य रूप से आँख और मस्तक से निकलने वाला प्राण सदगति का द्योतक है, मुख-मार्ग से प्राण निकलने वाले मध्यलोक में मनुष्य तिर्यचं होते हैं। ऐसा कहा जाता है, नाभि से निकलने वाले अधोगामी होते हैं। ऐसा कहा जाता है परंतु इसका निर्धारण दिव्य ज्ञानी ही कर सकते हैं, हम और आप नहीं।
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