शंका
जीवन में गुरु का महत्त्व!
समाधान
बड़ी नदी हो, उस पार जाना हो और नाव को चलाने वाला नाविक नहीं हो तो क्या होता है? नाव डूब जाती है। इसी प्रकार इस संसार के सागर में जीवन के पार उतरना है, तो गुरू को नाविक की तरह समझकर उसका अवलंबन लेना चाहिए और इससे आप इस पार से उस पार चले जाओगे पर यदि गुरु को छोड़ दोगे तो नैया डूब जायेगी।
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