शंका
मौन व्रत का क्या महत्व?
समाधान
जैन धर्म में मौन व्रत को बहुत बड़ा व्रत माना गया है और श्रावकों के लिए भी मौन धारण करने के लिए कहा गया। सात स्थानों में तो मौन का स्पष्टतः विधान है। मौन रखने से हमारी प्रवृत्तियाँ सयंत होती हैं और व्यक्ति अनेक प्रकार के दुर्विकल्पों से बच जाता है। मौन साधना ध्यान की साधना में भी सहायक है। अपनी energy (ऊर्जा) को सुरक्षित रखने के लिए भी मौन बहुत सहायक है।
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