शंका
जब भी कोई विधान होता या कोई भी बड़ा कार्यक्रम, दसलक्षण पर्व या पंचकल्याणक होते हैं तो उसमें रात को सांस्कृतिक कार्यक्रम, कवि सम्मेलन आदि आयोजित किए जाते हैं, जिसके अन्दर lights (कृत्रिम प्रकाश) का प्रयोग होता है, तो क्या उससे जीवों की हानि नहीं होती? इसका क्या औचित्य है?
समाधान
सांस्कृतिक कार्यक्रम वही करना चाहिए जो हमारी संस्कृति को पुष्ट करता हो। आजकल तो प्राय: सांस्कृतिक कार्यक्रमों में टीवी के प्रोग्रामों का अनुकरण किया जाता है और उसमें भी अपसंस्कृति प्रसारित हो जाती है। ऐसे पवित्र अवसरों पर इस प्रकार के कार्यक्रम में मेरी कहीं रुचि नहीं है।
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