शंका
क्या घरों में रखे तीर्थंकरों या गुरुओं के चित्र की आरती उतारना सही है?
समाधान
चित्र की आरती करने से पाप का बन्ध नहीं होता लेकिन अविनय की सम्भावना हो जाती है। कोई भी चित्र रखा हो तो क्या आप उनकी २४ घंटे विनय कर पाते हो? जिस कक्ष में चित्र लगा है, उस कक्ष में आप चाय भी पीते हो, खाते भी हो, सोते भी हो, तो विनय कहाँ है? आप चित्र को प्रतीकात्मक रूप में, अपने जैन होने के प्रमाण स्वरूप रखो तो मैं उसका निषेध नहीं करता, लेकिन चित्र की विनय करो तो पूर्ण विनय करो और विनय करने की स्थिति नहीं है, तो उसे केवल एक प्रतीक के रूप में रखो। इसलिए मैं कहता हूँ, चित्र की आरती मत उतारो। वह प्रतिष्ठित भी नहीं है, कल कट-फट जाएगी तो और अविनय होगा। चित्र को देखकर उन्हें याद करो जिनकी आप आरती उतार रहे हैं, उनकी छवि को याद करके आरती उतारो तो कोई दोष नहीं।
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