आज के समय में सत्य धर्म का पालन कैसे हो? जबकि व्यापार के हर क्षेत्र में, जैसे- खरीद-बिक्री, माप-तोल, विज्ञापन, अकाउंट आदि हर क्षेत्र में हेरफेर तो होता ही है, और बाजार में प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिए ऐसा करना भी पड़ता है।
आज के सन्दर्भ में, मैं इससे पूरी तरह सहमत नहीं हूँ कि व्यापार में बने रहने के लिए असत्य का आचरण करना ही पड़ता है। आज पूरे देश में बड़े-बड़े मॉल खुल रहे हैं और सब जगह लॉगिंग और टैगिंग का सिस्टम आ गया है, फिक्स प्राइस हो गया है। न झूठ, न सच, न मोल, न भाव, न माप-तौल में कमती-बढ़ती। ब्रांडेड चीजें हैं, कोई मिलावट नहीं, आप क्या ऐसा व्यापार नहीं कर सकते? फिक्स प्राइस कीजिए, माप-तौल में कोई कमी मत रखिए, जिस ब्रांड को जिस तरीके से प्रस्तुत करते हैं उसको कीजिए, किसी तरह की piracy (चोरी) या मिलावट का काम मत कीजिए।
नैतिकता और प्रमाणिकता के साथ व्यापार किया जा सकता है। हाँ, मैं मानता हूँ आजकल कुछ जगह टैक्स चोरी और अन्य चीजों में होता है, यह अवैधानिक है। लेकिन मिलावट करना, फरेब करना, धोखाधड़ी करना, विश्वासघात करना अनैतिक है। अनैतिकता के साथ किया गया व्यापार कतई ठीक नहीं माना जा सकता।
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