शंका
हम अपने जन्मदिन पर केक के ऊपर कैंडल्स (candles) लगा करके उसको फूँक मार करके बुझा कर बहुत तालियाँ बजाते हैं, मन बहुत खुश होता है। लेकिन हमको ये भी बताया जाता है कि लौ को फूँक मारकर बुझाना अशुभ होता है।
समाधान
बिल्कुल सही है, यह सब पश्चिमी (western) तरीके (style) को अपनाने का परिणाम है। पश्चिम में दिया बुझाते हैं क्योंकि पश्चिम में अन्धेरा होता है। हम पूरब के लोग हैं हम लोग उजाला की पूजा करते है। हमारे यहाँ शुभतः “तमसो मा ज्योतिर्गमय” अन्धेरा नहीं ज्योति को प्राप्त करो। हम ज्योति की पूजा करते हैं, हम प्रकाश के पुजारी हैं अन्धकार के नहीं। इसलिए हम तो हमेशा कहते हैं, जन्मदिन में मोमबत्ती (candle) बुझाओ मत, दीप जलाओ ज्ञान का प्रकाश प्रकटाओ, सब जगह उजाला फैले।
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