शंका
कानून में जो फाँसी की सज़ा दी जाती है क्या उसमें पाप लगता है?
समाधान
आचार्य श्रीजी ने ‘मूकमाटी’ में इसका उल्लेख किया है। उनके कथनानुसार फाँसी की सज़ा बहुत प्रशंसनीय नहीं है। इस पर पूरे विश्व में बहस चल रही है क्योंकि कई देशों में फाँसी की सज़ा को हटा दिया गया है। हालाँकि फाँसी की सज़ा पुरातन काल में भी थी। ये सज़ा जो भी देता है, न्याय व्यवस्था बनाने के लिए देता है। फाँसी की सज़ा सुनाने वाले न्यायाधीश को किसी की हत्याजन्य पाप का भागी बोलूँ तो ये बात अभी गले नहीं उतरती, क्योंकि साम, दाम, दण्ड और भेद नीति के अन्तर्गत ये सारी प्रक्रियाएँ पुराने काल में भी रही हैं। जो भी हो, फिर भी ये फाँसी की सज़ा आज के हिसाब से उपयोगी नहीं है।
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