क्या अन्तरजातीय विवाह से उत्पन्न संतान मुनियों को आहार देने योग्य है?

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शंका

क्या अन्तरजातीय विवाह से उत्पन्न संतान मुनियों को आहार देने योग्य है?

समाधान

यह अलग-अलग संहिता है। हमारे गुरुदेव कहते हैं- “गलती जिसने की सजा उसको मिलनी चाहिए, जिसकी गलती नहीं है, उसे कोई सजा नहीं देनी चाहिए।” उसका आचार-विचार शुद्ध हो तो वह सब क्रिया के योग्य हो सकता है।

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